नई दिल्ली. भारत ने इस साल मार्च माह में खाने के तेल के आयात में बड़ी कटौती की है। इस दौरान खाने के तेल का आयात 32.44 फीसदी गिरकर 9,41,219 टन रह गया। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने कहा कि खाने के तेल के आयात में गिरावट की वजह भारत सरकार के अंतराष्ट्रीय मार्केट से तेल के आयात पर लगी पाबंदी रही है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा वेजिटेबल ऑयल का खरीदार है, जिसने पिछले साल मार्च में करीब 13,93,255 टन खाने का तेल खरीदा था।
पॉम तेल का आयात 90 फीसदी गिरा
देश में आयात होने वाले कुल वेजिटेबल आयल में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पॉम ऑयल की है। कुल आयातित वेजिटेबल ऑयल में पॉम ऑयल की अकेले हिस्सेदारी 60 फीसदी है। एसईए की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मार्च माह में पॉम ऑयल के आयात में 90 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल इसी दौरान करीब 3,12,673 टन पॉम ऑयल का आयात किया गया था, जिसका आंकड़ा अब घटकर 30,850 टन रह गया है। बता दें कि आरबीडी (रिफाइंड, ब्लीज्ड, डिओडिराइज्ड) पॉमोलिन को एक कमोडिटी के तौर पर इस साल 8 जनवरी को प्रतिबंधित लिस्ट में रख दिया गया था। प्रतिबंधित लिस्ट में डालने के बाद तेल के आयात पर एक लाइसेंस की जरूरत होती है।
कुल तेल आयत में 10 फीसदी की गिरावट
एसईए ने कहा कि क्रूड पॉम ऑयल और क्रूड पॉम कर्नेल का आयात 38 फीसदी गिरकर 3,04,458 टन रह गया था। जो पिछले साल इसी दौरान 4,89,770 टन था। सोयाबीन के आयात इस साल मार्च में पिछले साल के 2,92,925 टन से घटकर 2,92,410 टन रह गया। वहीं सन फ्लॉवर ऑयल का आयात पिछले साल के 2,97,887 टन के मुकाबले इस साल मार्च में घटकर 2,96,501 टन रह गया। अगर नवंबर से मार्च माह में आयातित तेल की बात करें, तो इसमें पिछले साल के मुकाबले करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल जहां 60,05,067 टन तेल का आयात किया गया था, जो इस साल घटकर 53,91,807 टन रह गया है।